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Friday 4 October 2013

आप सभी को ANANT GYAN की तरफ से नवरात्रि की ढेरों शुभ कामनाएं

नवरात्रि एक हिंदू पर्व है। नवरात्रि संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ होता है नौ रातें । नवरात्रि के नौ रातो में तीन देवियों - महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वतीया सरस्वतीकि तथा दुर्गा के नौ स्वरुपों की पूजा होती है जिन्हे नवदुर्गा कहते हैं। 

नौ देवियाँ है :-
  • श्री शैलपुत्री
  • श्री ब्रह्मचारिणी
  • श्री चंद्रघंटा
  • श्री कुष्मांडा
  • श्री स्कंदमाता
  • श्री कात्यायनी
  • श्री कालरात्रि
  • श्री महागौरी
  • श्री सिद्धिदात्री
शक्ति की उपासना का पर्व शारदेय नवरात्र प्रतिपदा से नवमी तक निश्चित नौ तिथि, नौ नक्षत्र, नौ शक्तियों की नवधा भक्ति के साथ सनातन काल से मनाया जा रहा है। सर्वप्रथम श्रीरामचंद्रजी ने इस शारदीय नवरात्रि पूजा का प्रारंभ समुद्र तट पर किया था और उसके बाद दसवें दिन लंका विजय के लिए प्रस्थान किया और विजय प्राप्त की । तब से असत्य, अधर्म पर सत्य, धर्म की जीत का पर्व दशहरा मनाया जाने लगा। आदिशक्ति के हर रूप की नवरात्र के नौ दिनों में क्रमशः अलग-अलग पूजा की जाती है। माँ दुर्गा की नौवीं शक्ति का नाम सिद्धिदात्री है। ये सभी प्रकार की सिद्धियाँ देने वाली हैं। इनका वाहन सिंह है और कमल पुष्प पर ही आसीन होती हैं । नवरात्रि के नौवें दिन इनकी उपासना की जाती है।

नवदुर्गा और दस महाविधाओं में काली ही प्रथम प्रमुख हैं। भगवान शिव की शक्तियों में उग्र और सौम्य, दो रूपों में अनेक रूप धारण करने वाली दस महाविधाएँ अनंत सिद्धियाँ प्रदान करने में समर्थ हैं। दसवें स्थान पर कमला वैष्णवी शक्ति हैं, जो प्राकृतिक संपत्तियों की अधिष्ठात्री देवी लक्ष्मी हैं। देवता, मानव, दानव सभी इनकी कृपा के बिना पंगु हैं, इसलिए आगम-निगम दोनों में इनकी उपासना समान रूप से वर्णित है। सभी देवता, राक्षस, मनुष्य, गंधर्व इनकी कृपा-प्रसाद के लिए लालायित रहते हैं।


सारा जहां है जिसकी शरण में;
नमन है उस माँ के चरण में;
हम है उस माँ के चरणों की धूल;
आओ मिलकर माँ को चढ़ाएं श्रद्धा के फूल।



 
लक्ष्मी जी का हाथ हो;
सरस्वती जी का साथ हो;
गणेश जी का निवास हो;
और माँ दुर्गा का आशीर्वाद हो;
आपके जीवन में हमेशा प्रकाश हो।




 

माँ की ज्योति से प्रेम मिलता है;
सबके दिलों को मर्म मिलता है;
जो भी जाता है, माँ के द्वार;
उसे सुकून जरूर मिलता है!







प्यार का तराना, उपहार हो;
खुशिओं का नजराना, बेशुमार हो;
ना रहे कोई गम का एहसास;
ऐसा ही नवरात्रि 'उत्सव' इस साल हो;






माँ दुर्गे
माँ अम्बे
माँ जगदम्बे
माँ भवानी
माँ शीतला
माँ वैष्णों
माँ चंडी
नवरात्रि के शुभ अफसर पर माता रानी मेरी ओर से, आप सभी की मनोकामना पूरी करे।




 
देवी माँ के कदम आपके घर में आयें;
आप ख़ुशी से नहायें;
परेशानियाँ आपसे आँखें चुरायें;
नवरात्रि की आपको ढेरों शुभ कामनाएं।

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