क्या है ‘उबन्टु’
कुछ वर्षों में लाइनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम ‘उबन्टु’ काफी लोकप्रिय हुआ है। एक्सपी के जाने के बाद यूजर्स लिए ‘उबन्टु’ एक अच्छा विकल्प हो सकता है। अगर आप एंड्रॉयड आधारित टैबलेट या स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं तो लाइनक्स से परिचित होंगे। गूगल की तरफ से पेश किया गया एंड्रॉयड, जो स्मार्टफोन यूजर्स में लोकप्रिय मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम है, लिनक्स पर ही आधारित है।
हालांकि यह मुफ्त होने के बावजूद लोकप्रियता में माइक्रोसॉफ्ट विंडोज और एप्पल मैक से पीछे है, लेकिन कामकाज में इस्तेमाल होने वाले ज्यादातर सॉफ्टवेयर (जैसे ऑडियो-वीडियो सॉफ्टवेयर, ऑफिस सॉफ्टवेयर, फोटो एडिटर, इंटरनेट ब्राउजिंग, पेजमेकिंग, आदि) भी मुफ्त उपलब्ध है।
क्षमताओं और फीचर्स के मामले में विंडोज या मैक से कम भी नहीं हैं। इसमें वे सभी फीचर्स हैं, जिनकी जरूरत आम कंप्यूटर यूजर को पड़ती है। दूसरे ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए आपको जेब ढीली करनी पड़ती है। लेकिन उबन्टु समेत लाइनक्स के ज्यादातर संस्करण मुफ्त में मौजूद हैं।
यहां है काफी कुछ
सॉफ्टवेयर डेवलपर, वीडियो एडिटर, एनिमेशन आर्टिस्ट या फिर गेम प्लेयर; उबन्टु में सबकी जरूरत के फीचर्स मौजूद हैं। विंडोज में बनाई गई कई फाइलें भी इसमें खुल जाती हैं। विंडोज इंस्टॉल करते समय कई सॉफ्टवेयर और सुविधाएं खुद-ब-खुद इंस्टॉल हो जाती हैं, जैसे वर्डपैड, नोटपैड, इंटरनेट एक्सप्लोरर, माइक्रोसॉफ्ट पेंट आदि।
उबन्टु के साथ भी कई सॉफ्टवेयर इंस्टॉल होते हैं। वे ठीक उसी तरह काम करते हैं, जैसे विंडोज आधारित सॉफ्टवेयर। इनमें लिबर-ऑफिस (एमएस ऑफिस जैसा ऑफिस पैकेज), मोजिला फायरफोक्स (ब्राउजर), थंडरबर्ड (ईमेल क्लाइंट), जिम्प (इमेज एडिटिंग सॉफ्टवेयर) आदि खास हैं।
कहां से करें डाउनलोड
सॉफ्टवेयर डाउनलोड करने के लिए इसमें एक एप-स्टोर भी है, जिसे ‘उबन्टु सॉफ्टवेयर सेंटर’ कहा जाता है। उबन्टु को कहीं से खरीदने की जरूरत नहीं है। बस www.ubuntu.com पर जाकर डाउनलोड कर लीजिए और एक डीवीडी डिस्क पर कॉपी कर लीजिए।
क्या है अलग
उबन्टु में स्टार्ट बटन, स्टार्ट मेनू या टास्कबार की जगह ‘लांचर’ नाम से मेनू मौजूद है, जिसमें प्रमुख सॉफ्टवेयरों के आइकन स्क्रीन के बाईं तरफ लंबी कतार में दिखाई देते हैं। उबन्टु में ‘डैश’ नामक पावरफुल सर्च यूटिलिटी का भी इस्तेमाल होता है, जो विंडोज8 के सर्च बॉक्स जैसा ही है।
विंडोज ‘कंट्रोल पैनल’ की ही तरह उबन्टु में भी ‘कंट्रोल सेंटर’ उपलब्ध है और ‘माई कंप्यूटर’ का काम ‘प्लेसेज’ करता है।
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