दोस्तों, पांच साल के भीतर Android ने हर जेब में स्मार्टफोन पहुंचा दिया है, 4 हजार रुपए से लेकर 50 हजार रुपए तक... हर बजट में सबके लिए एक न एक Android आज बाजार में है। लेकिन हर Android की कुछ अलग-अलग खूबियां होती हैं, हर नए वर्ज़न में पहले से ज्यादा खूबियां होती हैं। मजेदार बात यह है कि बाजार में इस वक्त Android के लगभग हर वर्ज़न पर चलने वाली डिवाइसेज़ हैं।
Android के हर वर्ज़न का नाम किसी खाने की चीज पर होता है, मसलन लेटेस्ट वर्ज़न किटकैट है, तो सबसे पुराना वर्ज़न 1.5 कपकेक था। यह भी अंग्रेजी के अल्फाबेट्स के क्रम में होता है। नाम के इस सिलसिले में बस B छूटा है। A- Android,
C- Cupcake, D- Donut, E-Eclaire, F- Froyo, G- Gingerbread, H- Honeycomb, I- Icecream Sandwich,
J- Jelly Bean और सबसे नया K- Kitkat
तो शुरू करते हैं सफर.
C- Cupcake, D- Donut, E-Eclaire, F- Froyo, G- Gingerbread, H- Honeycomb, I- Icecream Sandwich,
J- Jelly Bean और सबसे नया K- Kitkat
तो शुरू करते हैं सफर.
Donut (Android 1.6)
- यह सितंबर 2009 में आया।
- कैमरा ऐप्लिकेशन बेहतर हुआ। गैलरी, कैमरा
और कैमकॉर्डर को इंटिग्रेट किया गया।
-WVGA स्क्रीन रेजॉलूशनल को सपोर्ट मिला।
-यूज़र को कई फोटो एक साथ सिलेक्ट करके
डिलीट करने का ऑप्शन मिला।
-सर्च की स्पीड तेज हुई।
- यह सितंबर 2009 में आया।
- कैमरा ऐप्लिकेशन बेहतर हुआ। गैलरी, कैमरा
और कैमकॉर्डर को इंटिग्रेट किया गया।
-WVGA स्क्रीन रेजॉलूशनल को सपोर्ट मिला।
-यूज़र को कई फोटो एक साथ सिलेक्ट करके
डिलीट करने का ऑप्शन मिला।
-सर्च की स्पीड तेज हुई।
Eclair (Android 2.0, 2.1)
- यह अक्टूबर 2009 में आया। इनके साथ Android फोन में
जो नई खूबियां जुड़ीं, उनमें माइक्रोसॉफ्ट एक्सचेंज सर्वर के
लिए सपोर्ट आया था। साथ ही कई गूगल अकाउंट
खोलकर अपने मल्टिपल जीमेल अकाउंट भी आप
इस अपडेट के साथ अपने फोन पर चेक कर पाए।
यूनिफाइड मेल बॉक्स भी इसी के बाद से मिलना शुरू हुआ।
- इसके अलावा मल्टिटच सपोर्ट से ऑनलाइन कीबोर्ड
पहले से ज्यादा समझदार बना और आपको मेसेज बॉक्स
के अंदर सर्च करने का फीचर मिला। इसी अपडेट ने
कैमरा फ्लैश के लिए
सपोर्ट को भी पहली बार पेश किया।
- यह अक्टूबर 2009 में आया। इनके साथ Android फोन में
जो नई खूबियां जुड़ीं, उनमें माइक्रोसॉफ्ट एक्सचेंज सर्वर के
लिए सपोर्ट आया था। साथ ही कई गूगल अकाउंट
खोलकर अपने मल्टिपल जीमेल अकाउंट भी आप
इस अपडेट के साथ अपने फोन पर चेक कर पाए।
यूनिफाइड मेल बॉक्स भी इसी के बाद से मिलना शुरू हुआ।
- इसके अलावा मल्टिटच सपोर्ट से ऑनलाइन कीबोर्ड
पहले से ज्यादा समझदार बना और आपको मेसेज बॉक्स
के अंदर सर्च करने का फीचर मिला। इसी अपडेट ने
कैमरा फ्लैश के लिए
सपोर्ट को भी पहली बार पेश किया।
Froyo (Android 2.2)
- मई 2010 में ऐंड्रॉयड 2.2 यानी फ्रोयो ने दस्तक दी। इसने Android फोन को कई नए फीचर्स से लैस किया। मसलन अब आप विडियो में भी फ्लैश का यूज कर सकते थे, कॉन्टैक्ट और ईमेल का गूगल सर्वर पर बैकअप का फीचर मिला, जिससे नया फोन लेते ही उसमें ये डेटा बैकअप से आ जाने लगा।
- फ्रोयो के साथ ही वाई-फाई हॉट स्पॉट का फीचर भी आया, जिसमें आप अपने हैंडसेट के वाई-फाई के साथ और हैंडसेट भी कनेक्ट कर सकते हैं। फ्लैश प्लेयर 10.1 से वेब ब्राउजिंग और फोटो स्लाइड शो जैसे फीचर पहले से बेहतर हुए।
- मई 2010 में ऐंड्रॉयड 2.2 यानी फ्रोयो ने दस्तक दी। इसने Android फोन को कई नए फीचर्स से लैस किया। मसलन अब आप विडियो में भी फ्लैश का यूज कर सकते थे, कॉन्टैक्ट और ईमेल का गूगल सर्वर पर बैकअप का फीचर मिला, जिससे नया फोन लेते ही उसमें ये डेटा बैकअप से आ जाने लगा।
- फ्रोयो के साथ ही वाई-फाई हॉट स्पॉट का फीचर भी आया, जिसमें आप अपने हैंडसेट के वाई-फाई के साथ और हैंडसेट भी कनेक्ट कर सकते हैं। फ्लैश प्लेयर 10.1 से वेब ब्राउजिंग और फोटो स्लाइड शो जैसे फीचर पहले से बेहतर हुए।
Gingerbread (Android 2.3)
- दिसंबर 2010 में जिंजरब्रेड ने कदम रखा, जिसके साथ वन टच कॉपी, पेस्ट या कट जैसे फीचर मिले। एनएफसी ने भी इसी के साथ Android में जगह बनाई। फ्रंट फेस कैमरा भी आपके कैमरे के फीचर में Android से जुड़ा।
- अप्रैल 2011 में 2.3.3 वर्ज़न आया, जिसने सिंगल कोर प्रोसेसर वाले फोन को यह क्षमता दी कि वे ड्यूल कोर प्रोसेसर वाले फोन के लिए डिजाइन ऐप्स को भी ढंग से चला सकें।
- दिसंबर 2010 में जिंजरब्रेड ने कदम रखा, जिसके साथ वन टच कॉपी, पेस्ट या कट जैसे फीचर मिले। एनएफसी ने भी इसी के साथ Android में जगह बनाई। फ्रंट फेस कैमरा भी आपके कैमरे के फीचर में Android से जुड़ा।
- अप्रैल 2011 में 2.3.3 वर्ज़न आया, जिसने सिंगल कोर प्रोसेसर वाले फोन को यह क्षमता दी कि वे ड्यूल कोर प्रोसेसर वाले फोन के लिए डिजाइन ऐप्स को भी ढंग से चला सकें।
Honeycomb (Android 3.0)
- मई 2011 में खास टैबलट्स के लिए यह नया Android वर्ज़न पेश किया गया, यह सिर्फ टैबलट्स को ध्यान में रख कर
तैयार किया गया। इसमें विजेट्स कुछ बड़ी रखी गईं, जो
टैबलट के हिसाब से स्क्रीन पर फिट हों। अभी तक ऐंड्रॉयड
के वर्ज़न टैबलट को वह रूप नहीं दे पा रहे थे कि वे ऐपल
के आईफोन से टक्कर ले पाएं।
- हार्डवेयर बटन स्क्रीन पर आ गए और वर्चुअल बटन का रूप इन्होंने ले लिया। इसके अलावा ऐप का बटन स्क्रीन मेन्यू पर टॉप में चला गया। जीमेल और गूगल को टैबलट के साथ ज्यादा बेहतर इंटिग्रेट किया गया।
- वेब ब्राउजर में टैब का फीचर जोड़ा गया। इसके अपग्रेड 3.1 के साथ यूएसबी को सीधे टैबलट से जोड़ने का फीचर बेहतर हुआ
और कंप्यूटर से कनेक्ट करने का झंझट खत्म हुआ।
- मई 2011 में खास टैबलट्स के लिए यह नया Android वर्ज़न पेश किया गया, यह सिर्फ टैबलट्स को ध्यान में रख कर
तैयार किया गया। इसमें विजेट्स कुछ बड़ी रखी गईं, जो
टैबलट के हिसाब से स्क्रीन पर फिट हों। अभी तक ऐंड्रॉयड
के वर्ज़न टैबलट को वह रूप नहीं दे पा रहे थे कि वे ऐपल
के आईफोन से टक्कर ले पाएं।
- हार्डवेयर बटन स्क्रीन पर आ गए और वर्चुअल बटन का रूप इन्होंने ले लिया। इसके अलावा ऐप का बटन स्क्रीन मेन्यू पर टॉप में चला गया। जीमेल और गूगल को टैबलट के साथ ज्यादा बेहतर इंटिग्रेट किया गया।
- वेब ब्राउजर में टैब का फीचर जोड़ा गया। इसके अपग्रेड 3.1 के साथ यूएसबी को सीधे टैबलट से जोड़ने का फीचर बेहतर हुआ
और कंप्यूटर से कनेक्ट करने का झंझट खत्म हुआ।
Ice Cream Sandwich (Android 4.0)
- गैलक्सी नेक्सस फोन के साथ इस ऑपरेटिंग सिस्टम को 2011 में पेश किया गया, जो दिसंबर में बाजार में आया था। इस ओएस को मोबाइल फोन और टैबलट दोनों के लिए पेश किया गया,
यानी यह हनी कॉम्ब और जिंजर ब्रेड दोनों का नया अपग्रेड रहा।
- मल्टिटास्किंग को इसने और बेहतर बनाया। एक ऐप से दूसरे ऐप में जाने के लिए सिस्टम बार का इस्तेमाल कर पाए। ऐप को ड्रैग करके डिलीट, अनइंस्टॉल या शॉर्टकट बनाने के फीचर मिले।
- अपने फेवरिट ऐप्स को आप स्क्रीन में नीचे ट्रे पर रख सकते हैं, जो हर स्क्रीन से देखी जा सकती है। फोन पर नोटिफिकेशन
स्क्रीन में ऊपर आने का फीचर मिला, जिसे आप लॉक होने पर
भी ड्रैग करके खींच सकते हैं। लॉक फोन से सीधे कैमरे में
जाने का ऑप्शन भी आया।
- वॉइस इनपुट को मजबूत किया गया, डेटा इस्तेमाल पर लिमिट का ऑप्शन मिला। वेब ब्राउजिंग में क्रोम ने और नए फीचर दिए, मसलन आप डेस्कटॉप ब्राउजर से सिंक कर सकते हैं, ऑफलाइन रीडिंग के लिए पेज सेव कर सकते हैं, फेस अनलॉक का फीचर भी पहली बार डिवाइस में आया। इसके अलावा यूनिफाइड कैलंडर, कॉन्टेंट शेयर और स्क्रीनशॉट लेना आसान हुआ।
- गैलक्सी नेक्सस फोन के साथ इस ऑपरेटिंग सिस्टम को 2011 में पेश किया गया, जो दिसंबर में बाजार में आया था। इस ओएस को मोबाइल फोन और टैबलट दोनों के लिए पेश किया गया,
यानी यह हनी कॉम्ब और जिंजर ब्रेड दोनों का नया अपग्रेड रहा।
- मल्टिटास्किंग को इसने और बेहतर बनाया। एक ऐप से दूसरे ऐप में जाने के लिए सिस्टम बार का इस्तेमाल कर पाए। ऐप को ड्रैग करके डिलीट, अनइंस्टॉल या शॉर्टकट बनाने के फीचर मिले।
- अपने फेवरिट ऐप्स को आप स्क्रीन में नीचे ट्रे पर रख सकते हैं, जो हर स्क्रीन से देखी जा सकती है। फोन पर नोटिफिकेशन
स्क्रीन में ऊपर आने का फीचर मिला, जिसे आप लॉक होने पर
भी ड्रैग करके खींच सकते हैं। लॉक फोन से सीधे कैमरे में
जाने का ऑप्शन भी आया।
- वॉइस इनपुट को मजबूत किया गया, डेटा इस्तेमाल पर लिमिट का ऑप्शन मिला। वेब ब्राउजिंग में क्रोम ने और नए फीचर दिए, मसलन आप डेस्कटॉप ब्राउजर से सिंक कर सकते हैं, ऑफलाइन रीडिंग के लिए पेज सेव कर सकते हैं, फेस अनलॉक का फीचर भी पहली बार डिवाइस में आया। इसके अलावा यूनिफाइड कैलंडर, कॉन्टेंट शेयर और स्क्रीनशॉट लेना आसान हुआ।
Jelly Bean (Android 4.1 - 4.3)
- Android 4.1 जेली बीन गूगल नेक्सस 7 के साथ 2012 में आया। गूगल नाउ के तौर पर इसने आपको ऐसा अस्सिटेंट
दिया, जो लोकेशन डेटा और सर्च हिस्ट्री के हिसाब से
आपको बेहतर सुझाव देता है।
- जब आप नए विजेट या ऐप ऐड करते हैं, तो पुराने अपने-आप उनके लिए जगह बनाते हैं। इसके अलावा नोटिफिकेशन में कुछ और फीचर दिए गए, जिनसे आप ईमेल में सब्जेक्ट या शुरू की कुछ लाइन देख सकते हैं।
- सीपीयू इनपुट बूस्ट और हार्ड जैसे फीचर से ओवरऑल परफॉर्मेंस में काफी सुधार देखने को मिला।
- Android 4.1 जेली बीन गूगल नेक्सस 7 के साथ 2012 में आया। गूगल नाउ के तौर पर इसने आपको ऐसा अस्सिटेंट
दिया, जो लोकेशन डेटा और सर्च हिस्ट्री के हिसाब से
आपको बेहतर सुझाव देता है।
- जब आप नए विजेट या ऐप ऐड करते हैं, तो पुराने अपने-आप उनके लिए जगह बनाते हैं। इसके अलावा नोटिफिकेशन में कुछ और फीचर दिए गए, जिनसे आप ईमेल में सब्जेक्ट या शुरू की कुछ लाइन देख सकते हैं।
- सीपीयू इनपुट बूस्ट और हार्ड जैसे फीचर से ओवरऑल परफॉर्मेंस में काफी सुधार देखने को मिला।
KitKat (Android 4.4)
- यह अक्टूबर 2013 में आया। यह अब तक का सबसे खूबसूरत, तेज और सबसे ज्यादा डिवाइस तक पहुंचने वाला ऑपरेटिंग सिस्टम है। यह महंगी से महंगी से और सस्ती से सस्ती डिवाइस तक में चल सकता है, भले ही उसमें 512 एमबी की ही रैम क्यों न हो। यह Android में एक यूनिफाइर ओएस का काम करेगा।
- किटकैट मेमरी यूज को कम से कम करने पर जोर देता है, इससे न केवल कम मेमरी के गैजट्स भी अच्छी परफॉर्मेंस देंगे, बल्कि सभी के आउटपुट में भी काफी तेजी आएगी।
- फुल स्क्रीन मोड में आप जब सर्फिंग या ई-बुक रीडिंग करते हैं,
तो पूरी स्क्रीन पर पिक्चर आती है, साथ ही टॉप और
बॉटम के बटन स्क्रीन से हट जाते हैं।
- मल्टिटास्किंग को और बेहतर किया गया है और टच पहले से बेहतर रिस्पॉन्स देता है। नेक्सस 5 फोन के साथ इस ओएस
को पहली बार लाया गया है। ऑडियो प्ले बैक पर किटकैट
कम बैटरी खाता है और नेक्सस 5 पर तो यह 60 घंटे तक
का प्ले बैक टाइम दे रहा है।
- अगर कोई फोन नंबर आपकी फोन डायरी में सेव नहीं भी है, तो यह उसे कॉल करने पर इंटरनेट से जाकर उसकी डीटेल खंगाल सकता है। हैंगआउट ऐप में एसएमएस और एमएमएस भी
एक ही जगह पर दिखेंगे।
- यह अक्टूबर 2013 में आया। यह अब तक का सबसे खूबसूरत, तेज और सबसे ज्यादा डिवाइस तक पहुंचने वाला ऑपरेटिंग सिस्टम है। यह महंगी से महंगी से और सस्ती से सस्ती डिवाइस तक में चल सकता है, भले ही उसमें 512 एमबी की ही रैम क्यों न हो। यह Android में एक यूनिफाइर ओएस का काम करेगा।
- किटकैट मेमरी यूज को कम से कम करने पर जोर देता है, इससे न केवल कम मेमरी के गैजट्स भी अच्छी परफॉर्मेंस देंगे, बल्कि सभी के आउटपुट में भी काफी तेजी आएगी।
- फुल स्क्रीन मोड में आप जब सर्फिंग या ई-बुक रीडिंग करते हैं,
तो पूरी स्क्रीन पर पिक्चर आती है, साथ ही टॉप और
बॉटम के बटन स्क्रीन से हट जाते हैं।
- मल्टिटास्किंग को और बेहतर किया गया है और टच पहले से बेहतर रिस्पॉन्स देता है। नेक्सस 5 फोन के साथ इस ओएस
को पहली बार लाया गया है। ऑडियो प्ले बैक पर किटकैट
कम बैटरी खाता है और नेक्सस 5 पर तो यह 60 घंटे तक
का प्ले बैक टाइम दे रहा है।
- अगर कोई फोन नंबर आपकी फोन डायरी में सेव नहीं भी है, तो यह उसे कॉल करने पर इंटरनेट से जाकर उसकी डीटेल खंगाल सकता है। हैंगआउट ऐप में एसएमएस और एमएमएस भी
एक ही जगह पर दिखेंगे।
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